Not known Facts About hindi story
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The novel touches upon themes of gender discrimination, dowry, along with the struggles confronted by Females inside a male-dominated Culture. Premchand’s writing is characterised by its deep comprehension of human character as well as socio-cultural backdrop of his time. By Nirmala, he sheds light-weight about the injustices confronted by Ladies and raises crucial questions on morality, social conventions, and the necessity for societal reform.
बाहरी साइटों का लिंक देने की हमारी नीति के बारे में पढ़ें.
(एक) बड़े-बड़े शहरों के इक्के-गाड़ी वालों की ज़बान के कोड़ों से जिनकी पीठ छिल गई है, और कान पक गए हैं, उनसे हमारी प्रार्थना है कि अमृतसर के बंबूकार्ट वालों की बोली का मरहम लगावें। जब बड़े-बड़े शहरों की चौड़ी सड़कों पर घोड़े की पीठ चाबुक से धुनते हुए, इक्के वाले चंद्रधर शर्मा गुलेरी
नैतिक शिक्षा – दूसरों की भलाई करने से ख़ुशी मिलती है।
इस कहानी से हमे क्या नैतिक शिक्षा मिलती है?
मुस्लिम बुज़ुर्ग को ट्रेन में बीफ़ के शक में पीटे जाने का क्या है मामला, अब तक क्या कार्रवाई हुई
मोरल – एक साथ मिलकर रहने से बड़ी से बड़ी चुनौती दूर हो जाती है।
उसी हिंदी के सामने 'उसने कहा था' की वो हिंदी जो आज भी इसलिए ताज़ा और समकालीन लगती है क्योंकि वो एक ओर तो जीवित-व्यावहारिक भाषा को रचना का आधार बनाती है और दूसरी ओर वो इस भाषा की व्यंजनाओं को विरल विलक्षण आँख से पकड़ती है.
गत वर्ष जब प्रयाग में प्लेग घुसा और प्रतिदिन सैकड़ों ग़रीब और अनेक महाजन, ज़मींदार, वकील, मुख़्तार के घरों के प्राणी मरने लगे तो लोग घर छोड़कर भागने लगे। यहाँ तक कि कई डॉक्टर भी दूसरे शहरों को चले गए। एक मुहल्ले में ठाकुर विभवसिंह नामी एक बड़े ज़मींदार मास्टर भगवानदास
मोरल – संसार में मां की ममता का कोई जोड़ नहीं है अपनी जान विपत्ति में डालकर भी अपने बच्चों के हित में कार्य करती है।
अमूल अमेरिकी दूध बाज़ार पर पकड़ बनाने के लिए कर रहा ये कोशिश
The poet employs a unique blend of philosophical insights, get more info vivid imagery, and rhythmic verses to make a function that resonates with audience, producing this a timeless and celebrated piece of Hindi literature. The poem has acquired common acclaim for its depth, common themes, along with the lyrical attractiveness of its verses, setting up Harivansh Rai Bachchan as one of the most influential poets in Indian literature.
वह इतना सुधर गया था , गली में निकलने वालों को परेशान भी नहीं करता।
is not simply a historical account but serves as a robust commentary over the complexities of identity, belonging, and the consequences of political conclusions over the life of popular people today.